बरेली विकास प्राधिकरण अब अपनी व्यावसायिक संपत्ति में सुधार करने जा रहा है। अव्यवस्था की वजह से ठप पड़ी ट्रांसपोर्टर नगर परियोजना में बीडीए नई तकनीक से सड़क का निर्माण करने जा रहा है। यह नई तकनीक पीसीक्यू यानी (पेवमेंट क्वालिटी कंक्रीट) है। इस तकनीकी से हाईवे की सड़क बनाई जाती है। 16 करोड़ रुपये इस निर्माण पर खर्च होने हैं।
शहर के ट्रांसपोर्टर्स और बड़े वाहनों को बाहर रखने के लिए 24.89 हेक्टेयर जमीन पर ट्रांसपोर्टर नगर योजना बीडीए ने 20 साल पहले बनाई थी। बीडीए ने टीपीनगर में 1074 ट्रांसपोर्टर्स भूखंड, 12 दुकानें और 15 व्यवसायिक भूखंड बनाए हैं। टीपीनगर में फायर स्टेशन, बिजनेस सर्विस सेंटर, डिस्पेंसरी, पुलिस स्टेशन, कम्यूनिटी हाल और आरटीओ दफ्तर समेत सरकारी और प्राइवेट दफ्तर शिफ्ट करने की योजना थी। इस योजना को धरातल पर उतराने के लिए अब बीडीए ने पीसीक्यू तकनीकी से पहले चरण में करीब 16 करोड़ की लागत से दो सड़कों के निर्माण का खाका खींचा है। इस तकनीकी से बनने वाली सड़कें 20 से 25 साल तक आसानी से चल सकती हैं।
सड़क निर्माण की क्या है पीक्यूसी तकनीकी -Transport Nagar Bareilly
नेशनल, स्टेट हाईवे के निर्माण में ज्यादातर पीक्यूसी तकनीकी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सामान्य कंक्रीट से अलग 32 मिमी आकार के खास पत्थरों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के कंक्रीट सामान्य कंक्रीट की तुलना में थोड़ी अधिक सीमेंट सामग्री की आवश्यकता होती है। इससे ज्यादातर कंक्रीट के एम 45 और एम 50 के लिए डिजाइन किया गया है।
रामगंगा योजना के साथ टीपीनगर करेंगे विकसित -Transport Nagar Bareilly
रामगंगा योजना के साथ साथ अब प्राधिकरण टीपीनगर को विकसित करने की योजना बना रहा है। ट्रांसपोर्टनगर में पीसीक्यू तकनीकी से दो सड़कें बनाई जा रही हैं।
जोगिंदर सिंह, उपाध्यक्ष बीडीए